हरियाणा
डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
डेरा प्रमुख ने हाईकोर्ट से मांगी है 21 दिनों की फरलो
डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम ने 21 दिनों की फरलो दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जो अर्जी दायर की है, उस पर आज हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
काबिलेगौर के कि डेरा प्रमुख को बार बार पैरोल दिए जाने का विरोध करते हुए एसजीपीसी ने हाईकोर्ट में पिछले साल याचिका दायर कर दी थी। एसजीपीसी का कहना है की है इस तरह बार बार डेरा प्रमुख को पैरोल नही दी जानी चाहिए क्योंकि डेरा प्रमुख हत्या और बलात्कार जैसे मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है।
हाईकोर्ट ने इसी साल फरवरी में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को आदेश दे दिए थे कि भविष्य में हाईकोर्ट की इजाजत लिए बिना डेरा प्रमुख को पैरोल नही दी जाएगी। इसी आदेश के चलते डेरा प्रमुख ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पैरोल दिए जाने की मांग की है और कहा है की नियमों के तहत उसे है साल 70 दिनों की पैरोल और 21 दिनों की फरलो दी जा सकती है, इसलिए उसे अब 21 दिनों की फरलो दी जाए। मामले में हरियाणा सरकार पहले ही हाईकोर्ट को बता चुकी है की सिर्फ डेरा प्रमुख हो नही बल्कि उसकी तरह ऐसे 89 और दोषियों को भी समय पर पैरोल दी गई है, जिनके खिलाफ डेरा प्रमुख की तरह ही हत्या और बलात्कार जैसे तीन या उससे जायदा मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
आज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की बेंच ने डेरा प्रमुख की इस अर्जी पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बदलना फैसला सुरक्षित रख लिया।