चंडीगढ़

एक्सप्रेस क्रेडिट योजना के तहत पर्सनल लोन लेकर बैंक को 3.66 करोड़ का चूना लगाने वाले दो गिरफ्तार

-दोनों आरोपी 5-5 दिन के पुलिस रिमांड पर..आरोपियों से पूछताछ जारी, 96 फरार आरोपियों की तलाश जारी

चंडीगढ़, 10 नवंबर: एक्सप्रेस क्रेडिट योजना के तहत पर्सनल लोन लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी, पीजीआई और नगर निगम के कर्मचारियों ने 11 महीने में रायपुर कलां स्थित स्टेट बैंक इंडिया को लोन के तौर पर 3.66  करोड़ की चपत लगाने वाले 98 लोगों में से दो को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अर्शपीत व राधिक कालिया के रूप में हुई है। दोनों को पुलिस ने शुक्रवार कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की। वहीं राधिक के वकील राम भाटिया ने कोर्ट में कहा कि यह दोनों को सिर्फ कस्टमर को बैंक के पास भेजते थे जबकि कागजात व अन्य चीजों की जांच तो बैंक ने ही करनी थी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों आरोपियों को 5-5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। मामले का खुलासा लोन की किस्त जमा न करवाने पर हुआ।  पंचकूला, सैक्टर 5 स्थित स्टेट बैंक इंडिया के रीजनल मैनेजर ऋषि कुमार ने मामले की शिकायत पुलिस को दी थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ो की ठगी हुई है। मौली जागरां थाना पुलिस ने अगस्त माह में  खुड्डा जस्सू निवासी अभिनाश समेत 98 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस मामले में बैंक कर्मचारियों की भूमिका और ठगी करने वालों की तलाश करने में लगी है।
रीजनल मैनेजर ऋषि कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि रायपुर कलां स्थित स्टेट बैंक इंडिया की ब्रांच है। उनके बैंक ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक्सप्रेस क्रेडिट योजना के तहत पर्सनल लोन की योजना निकाली थी। इस योजना के तहत पंजाब यूनिवर्सिटी, पीजीआई और नगर निगम के 98 कर्मचारियों ने अलग अलग समय में लोन अप्लाई किया था। कर्मचारियों ने लोन लेने के लिए सैलरी स्लिप और सर्विस सर्टीफिकेट लगाया था। बैंक ने सरकारी कर्मचारी की सैलरी स्लिप और सर्विस सटिफिकेट देखकर 98 लोगों को तीन करोड़ 66 लाख तीन हजार 300 रुपयों  का लोन जारी कर दिया। यह लोन बैंक ने 13 जनवरी से 15 नवंबर 2021 के बीच जारी किया था। करोड़ा रुपयों का लोन देने के बाद जब लोगों ने किस्त जमा नहीं करवाई तो उनके कागजात चेक किए। लोन लेने वाले सभी लोगों के कागजात जाली पाए गए। जांच में सामने आया कि ठगों ने बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर तीन करोड़ 66 लाख तीन हजार 300 रुपयों का चूना बैंक को लगाया है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था।

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