जाली जॉब कॉल सैंटर का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार..25 मोबाइल, 35 एटीएम, 80 पास/चैक बुक, 12 आधार कार्ड व अन्य सामान बरामद
चंडीगढ़, 19 दिसंबर: साइबर क्राइम इंवेस्टीगेशन सेल (सीसीआईसी) की टीम ने मंगोलपुरी, नई दिल्ली में फर्जी कॉल सैंटर चलाने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान मंगोलपुरी, नई दिल्ी निवासी मोहित (23), राज कुमार (32), रिचर्ड दास (50) व पश्चिम विहार, वेस्ट दिल्ली निवासी विनय (22) के रूप में हुई है। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 25 मोबाइल फोन, 12 फर्जी आधार कार्ड, 80 पास बुक व चैक बुक, 35 डेबिट कार्ड, 2 लैपटॉप, 8 फर्जी पेन कार्ड व 1 वाईफाई मोडम बरामद किया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
साइबर सेल के मुताबिक 8 दिसंबर को धोखाधड़ी का एक केस दर्ज किया गया था। जिसमें एक युवती ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि उसने क्विकर डॉट कॉम पर वर्क फ्रॉम होम के लिए अपना रिज्यूम डाला था। जिसके बाद उसे संदीप कुमार नाम बताने वाले एक शख्स का व्हाट्स एप मैसेज आने लगा ओर फिर उसने जॉब के लिए 568 रुपए बतौर रजिस्ट्रेशन फीस मांगी। युवती को उसने क्यूआर कोड सेंड किया। जिसके बाद उसने उक्त रकम ट्रांसफर कर दी। ऐसे धीरे-धीरे झांसा देते हुए अलग-अलग यूपीआई और बैंक खातों में उसने युवती से कुल 1 लाख 75 हजार 473 रुपए ट्रांसफर करवा लिए। युवती वहां जॉब भी करने लगी, लेकिन आरोपियों का पॉजिटिव जवाब नहीं मिला। इसके बाद राधिका नाम से एक लड़की फिर से उस युवती से रुपए मांगने लगी, जिसके बाद उसने पुलिस को शिकायत दी। शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया। वहीं एसपी साइबर सेल केतन बंसल ने इंस्पैक्टर रंजीत सिंह की सुपरविजन में एक टीम बनाई जिसके बाद पुलिस ने एनसीआर एरिया में छापेमारी के दौरान आरोपी मोहित को गिरफ्तार किया। मोहित ने पुलसि पूछताछ में खुलासा किया कि वह अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर मंगोलपुरी में फर्जी जॉब कॉल सैंटर चलाते हैं। जिसके बाद पुलिस ने वहां छापेमारी कर बाकी के तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया।
दो साल से चला रहे थे फर्जी कॉल सैंटर, लगभग 50 लाख ठग चुके
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वह चारों दो साल से फर्जी कॉल सैंटर चला रहे थे। इसी दौरान आरोपियों ने लगभग 50 लाख के करीब रुपए ठग लिए हैं। इस गैंग का मास्टर माइंड राज कुमार व विनय बताए जा रहे हैं, जो फर्जी दस्तावेजों पर कई बैंक खाते खुलवाते थे। इतना ही नहीं आरोपी सोशल साइटों पर जॉब के लिए विज्ञापन भी डालते थे। जब इनसे कोई संपर्क करता था, तो आरोपी झांसे में लेकर उसे ठग लेते थे।
सभी को अपना-अपना काम सौंपा हुआ था
पुलिस के अनुसार सभी आरोपियों ने अपना-अपना काम लिया हुआ था। जैसे मोहित वाईफाई के जरिए ईमेल भेजता था। विनय फर्जी बैंक खातों का हिसाब रखता था। रिचर्ड दास ठगी हुई रकम एटीएम से निकलवाता था जबकि राज कुमार ठगे हुए रुपयों का हिसाब रखता था। पुलिस के अनुसार आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं। उनसे पता लगाया जा रहा है कि उन्होंने और किन-किन लोगों को ठगा है।