पड़छ बांध सूखने के कारण 650 जानवरों की मौत के जिम्मेदार अफसरों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग
सिंचाई विभाग पंजाब की लापरवाही से सूखा पड़छ बांध: जोशी
चंडीगढ़, 20 जून:
पंजाब भाजपा के मीडिया प्रभारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी ने वीरवार को लगातार दूसरे दिन मोहाली में सूखे पड़छ बांध का दौरा किया। उन्होंने बांध सूखने के कारण 650 जानवरों को मौत के लिए सिंचाई विभाग, वन्य जीव संरक्षण और वन एवं खनन विभाग के अधिकारियों को दोषी ठहराया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
जोशी बोले इस बांध के बनने से यहां की बंजर जमीन उपजाऊ हो गई थी और स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत हुई थी। जोशी बोले गरीब इलाका होने के कारण यहां कोई भी पानी की मोटर या समरसीबल लगवाने में समर्थ नहीं है। इसलिए यह बांध इस इलाके की समृद्धि का स्रोत था।
जोशी ने कहा कि राज्य की भगवंत मान सरकार के साथ साथ सिंचाई विभाग की अनदेखी के कारण आज बांध में लगभग 50 फीट तक गहरी गाद जमा हो चुकी है। और तो और गाद में चार से पांच फीट की दरारें पड़ी हुई हैं जिससे कई पशु आए दिन घायल होने के उपरांत आवारा कुत्तों द्वारा नोच कर कहा लिए जाते हैं । जोशी के साथ बड़ी पड़छ, छोटी पड़छ, नडडा और सियोंक गांवों के ग्रामीण भी मौजूद थे।
जोशी ने कहा कि 1993 में विश्व बैंक के फंड से इस बांध का निर्माण किया गया था। यह बांध न केवल बड़ी पड़छ, छोटी पड़छ, नडडा और सियोंक गांवों की सिंचाई की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि पड़ोस के वन्यजीवों के लिए पानी का एक निरंतर स्रोत भी है।
जोशी ने आरोप लगाया कि यह बांध कम मानसून या बारिश के कारण नहीं सूखा है, बल्कि लगातार कई वर्षों से सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण यह अब गाद से भरे सूखे जलाशय में तब्दील हो गया है।
सिंचाई विभाग इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वर्षों तक उसने गाद को जमा होने दिया और वन्य जीव संरक्षण विभाग इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया कि जानवर गाद की दरारों में न फंसें। इसके अलावा खनन विभाग गाद निकासी में बाधा उत्पन्न करता है और वन विभाग बांध के आसपास जंगल होने के कारण कोई काम नहीं करने देता। उन्होंने यह भी दावा किया कि बांध में दस फीट की खुदाई पर पानी निकल आता है। ऐसे में अगर पूरी गाद निकाल दी जाए तो पूरे इलाके की पानी की समस्या खत्म हो सकती है। लेकिन सरकार इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रही। जोशी ने कहा कि इस कारण बांध पर भी खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय और आसपास के लोग यहां पर जानवरों के लिए पानी के टैंकर डाल रहे थे, जिसे सिंचाई विभाग के अफसरों ने बंद करवा दिया। उन्होंने सरकार से मांग की कि लोगों को जनसेवा से ना रोका जाए और बांध की गाद निकलने के लिए जल्द उचित कदम उठाए।