मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मनीष सिसोदिया से की मुलाकात, कहा – अंततः सच्चाई की ही जीत होती है
मान ने सुनीता केजरीवाल से भी मुलाकात की, कहा - अरविंद केजरीवाल भी जल्द बाहर आएंगे, जांच एजेंसियों के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं
भाजपा ने हमारे नेताओं को जेल में रखकर पार्टी तोड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह हमारी एकता नहीं तोड़ पाए – मान
चंडीगढ़, 16 अगस्त मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय नेता मनीष सिसोदिया से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मनीष सिसोदिया करीब डेढ़ साल तानाशाही के शिकार हुए, लेकिन अंततः सच्चाई की ही जीत होती है।
मान ने कहा कि मनीष सिसोदिया एक क्रांतिकारी शिक्षा मंत्री हैं। उनके खिलाफ जांच एजेंसियों को कुछ नहीं मिला, फिर उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जमानत दी। हम उनकी तंदुरुस्ती की कामना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह जल्द ही दिल्ली के बच्चों के भविष्य के लिए फिर से अपने काम पर लगेंगे।
शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल का जन्मदिन भी था। इसलिए मान ने सुनीता केजरीवाल से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल भी जल्द बाहर आएंगे। जांच एजेंसियों के पास केजरीवाल और आप नेताओं के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उनका सिर्फ एक ही मकसद है कि किसी भी तरह उन्हें जेल में रखा जाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमारे नेताओं को जेल में रखकर पार्टी तोड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह हमारी एकता को नहीं तोड़ पाए। हमारे सभी नेता एकजुट रहें और पार्टी की मजबूती के लिए काम करते रहें। उन्होंने पार्टी के खिलाफ अफवाह फैलाया और झूठा प्रचार भी किया कि शायद अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया का नाम ले लें और सिसोदिया केजरीवाल का, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि आम आदमी पार्टी में एक दूसरे को नीचे दिखाने वाला कल्चर नहीं है। हम मिलकर काम करने वाले लोग हैं।
मान ने कहा कि मनीष सिसोदिया के आने के बाद पार्टी और मजबूत होगी। अब वह खुद भी मानसिक तौर पर मजबूत होकर निकले हैं। अरविंद केजरीवाल भी ऐसे ही मजबूत होकर निकलेंगे। देश की राजनीति का भविष्य आम आदमी पार्टी ही है। पंजाब और दिल्ली में जिस इमानदारी और शिद्दत के साथ हमने काम किया है, पूरे देश के लोग उसकी सराहना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के आरडीएफ और एनएचएम समेत कई योजनाओं के हजारों करोड़ रुपए के फंड रोक रखी है। उन्हें लगता है कि पैसे रोकने से पंजाब सरकार झुक जाएगी, लेकिन हम झुकने वाले नहीं हैं। हम कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। हम अपना हक मांग रहे हैं और पंजाबियों को अपना हक लेना आता है।