श्योर एबरॉड इमिग्रेशन ने न्यूजीलैंड का वर्क परमिट दिलाने के नाम पर ऐंठे 4 लाख, केस दर्ज
चंडीगढ़, 10 अगस्त: इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित श्योर एबरॉड इमिग्रेशन कंपनी के खिलाफ न्यूजीलैंड का वर्क परमिट दिलाने के नाम पर 4 लाख रुपए ठगने का केस दर्ज किया गया है। मामले की शिकायत हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र निवासी नवनीत सूदन ने पुलिस को बताया। जिसके बाद पुलिस ने उनके बयान दर्ज कर उक्त इमिग्रेशन कंपनी के मनप्रीत सिंह, शबनम खान और फर्म के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया। हालांकि मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी तो नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
शिकायतकर्ता नवनीत सूदन ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्हें चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित श्योर अब्रॉड इमिग्रेशन के एक कर्मचारी का फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह न्यूजीलैंड का वीजा लगवाते हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि फर्म सितंबर 2023 में उनके लिए न्यूजीलैंड के लिए वर्क वीजा की व्यवस्था कर सकती है।
बाद में शिकायतकर्ता इमिग्रेशन फर्म के कार्यालय गया और कथित तौर पर मनप्रीत सिंह, शबनम खान और फर्म के अन्य कर्मचारियों से मिला। फर्म ने शिकायतकर्ता के लिए वर्क परमिट की व्यवस्था करने के लिए 4 लाख रु पये की मांग की। उन पर भरोसा करके शिकायतकर्ता ने उन्हें 70 हजार रुपए दे दिए।
उन्होंने इमिग्रेशन फर्म द्वारा दिए गए बैंक खाते में 1.40 लाख रु पये और ट्रांसफर कर दिए और फिर 3.30 लाख दिए। यानि की कुल 4 लाख रुपए उन्हें दे दिए, लेकिन सारे रुपए देने के बावजूद भी उनका वर्क परमिट नहीं लगवाया गया। जिसके बाद कंपनी के कर्मचारियों ने उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया। इस प्रकार, शिकायतकर्ता को कथित रूप से उक्त इमिग्रेशन फर्म द्वारा ठगा गया।
बाद में, शिकायतकर्ता ने अपने स्तर पर पता किया तो सामने आया कि उनके वीजा आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था। अस्वीकृति के कारण की जांच करते समय, शिकायतकर्ता को पता चला कि आरोपी फर्म ने वर्क वीजा नहीं, बल्कि विजिटर वीजा के लिए आवेदन किया था। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने इमिग्रेशन कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ एसएसपी पब्लिक विंडो पर शिकायत दर्ज कराई और एसएसपी ने शिकायत को आगे की जांच के लिए इंडस्ट्रियल एरिया स्टेशन को भेज दिया। तथ्यों की पुष्टि करने के बाद, इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 पुलिस ने मलकीत सिंह, शबनम और इमिग्रेशन फर्म के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।