श्री चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेला 5 से 14 अगस्त तक , श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे खुला रहेगा मंदिर – डीसी
ऊना, 9 जुलाई । उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में 5 से 14 अगस्त तक श्रावण अष्टमी मेले का आयोजन किया जाएगा। उपायुक्त जतिन लाल ने इसे लेकर मंगलवार को माईदास सदन चिंतपूर्णी में संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और मेले के सफल आयोजन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि श्रावण अष्टमी मेले के दौरान एडीसी ऊना मेला अधिकारी, एसडीएम अंब सहायक मेला अधिकारी जबकि एएसपी ऊना को पुलिस मेला अधिकारी तथा डीएसपी अंब को सहायक पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि मेले के दौरान माता श्री चिंतपूर्णी का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए चौबीसों घंटे खुला रहेगा । साफ-सफाई के लिए रात्रि के दौरान मंदिर को केवल एक घंटे के लिए बंद किया जाएगा। दोपहर को मां के श्रृंगार व भोग इत्यादि के लिए भी मंदिर कुछ समय के लिए बंद रहेगा।
लंगर लगाने की लेनी होगी अनुमति
जतिन लाल ने बताया कि श्रावण अष्टमी मेले के दौरान लंगर लगाने की अनुमति संबंधित एसडीएम से मिलेगी। आयोजक को लंगर की समाप्ति के बाद साफ-सफाई भी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान डीएफएससी ऊना खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे।
नियमों की अवहेलना करने पर होगी कार्रवाई
जतिन लाल ने कहा कि मेले के दौरान ढोल नगाड़े, चिमटा, लाउडस्पीकर इत्यादि बजाने और प्लास्टिक व थर्माेकोल के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा मालवाहक वाहनों के माध्यम से माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर आने पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
दस सेक्टरों में बांटा जाएगा क्षेत्र
उपायुक्त ने बताया कि मेले के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को दस सेक्टरों में बांटा जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिगत पर्याप्त मात्रा में पुलिस व होमगार्ड के जवानों सहित त्वरित कार्य बल की टीमें तैनात रहेंगी। वहीं कानून व्यवस्था को चाक चौबंद रखने तथा आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए के लिए पुलिस का कमांडो दस्ता भी गठित किया जाएगा। सभी एक्टरों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तमाम इंतजाम
जतिन लाल ने बताया कि मेले के दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह अस्थाई शौचालय बनाए जाएंगे तथा ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए रिकवरी वैन तैनात की जाएगी। भिक्षावृत्ति पर भी पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा तथा इसे लेकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी की टीमों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा। मेले में श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिए विभिन्न स्थानों पर एलोपैथिक तथा आयुर्वेदिक कैंप स्थापित किए जाएंगे। किसी भी आपदा अथवा आग इत्यादि की घटना से निपटने के लिए अग्निशमन वाहन तैनात रहेंगे।
उपायुक्त ने मेला अवधि के दौरान श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की उचित सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मेला शुरू होने से पूर्व सड़कों की व्यवस्था को भी दुरूस्त करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मेले में आने वालों श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची लेना अनिवार्य होगा।
उन्होंने निजी सराय प्रबंधकों को सरायों में अग्निशमन उपकरण लगाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन इनकी जांच भी करवाएगा। उन्होंने विद्युत विभाग को मेलावधि के दौरान विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने के लिए विद्युत लाइनों का आवश्यक रखरखाव करना सुनिश्चित करने को कहा ताकि मेले के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अलावा मेले के दौरान अस्थाई रूप से अतिरिक्त स्ट्रीट लाईटें भी लगाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान पीने के पानी के लिए प्याऊ भी लगाए जाएंगे। उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल भंडारण टैंकों का क्लोरिनेशन करना भी सुनिश्चित करें।
बैठक में एसपी राकेश सिंह, एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर, एसडीएम अंब विवेक महाजन, सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
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