अबोहर की महिला एडवोकेट ने सुखना लेक में छलांग लगाकर किया सुसाइड
चंडीगढ़, 24 जून: अबोहर की रहने वाली एक एडवोकेट ने सुखना लेक में कूद कर अपनी जान दे दी। उसकी पहचान शिवानी के रूप में हुई है, जो 24 साल की आयु की बताई जा रही है। शिवानी के शव की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे अन्य पुलिसकर्मियों ने आसपास काफी तलाश की, लेकिन पुलिस को किसी प्रकार का कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। हालांकि सैक्टर-3 थाना पुलिस ने 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए मामले की आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार शिवानी पिछले दो सालों से सैक्टर-61, फेज-7 मोहाली के एक पीजी में रह रही थी। रविवार शाम करीब 4 बजे वह रैपिडो राइड के जरिए सुखना झील पहुंची। उसके दोस्तों ने जब उसे फोन किया तो उसने अपनी लॉकेशन सुखना झील की ही बताई। उसकी अपने भाई से भी फोन पर बात हुई, जिसमें उसने कहा कि वह काफी परेशान है और उसका यहां मन नहीं लग रहा। इसके बाद वह मोहाली स्थित पीजी में पहुंची ही नहीं। जिसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम नंबर-112 पर सूचना दी गई।
सूचना मिलने के बाद मोहाली व चंडीगढ़ पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की। सारी रात जब वह नहीं मिली, तो सोमवार सुबह जब सुखना झील चौकी व सैक्टर-3 थाना पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, तो सुखना झील में 900 मीटर दायरे पर अचानक पुलिसकर्मियों को झील के अंदर एक लड़की के बाल दिखाई दिए। पुलिसकर्मी झील के अंदर गए और लड़की की लाश बरामद की गई। इसके बाद शिवानी के भाई के दोस्त, जो यहीं रहता है, को बुलाया गया, जिसने शिवानी के शव की शिनाख्त की। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सैक्टर-16 के जीएमएसएच की र्माचरी में रखवाया, जहां दोपहर बाद पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
शिवानी के भाई ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि उसने फरीदकोट से लॉ की थी। उसके बाद वह मोहाली व चंडीगढ़ के सैक्टर-43 कोर्ट में पेक्टिस करती थी। कोरोना के समय उसके पिता की भी मृत्यु हो गई। पिता की मौत को लेकर उसे गहरा सदमा पहुंचा था। इसके अलावा शिवानी ने दो बार जज का पेपर दिया था, लेकिन वह क्लीयर न कर पाई। जिसके चलते वह काफी परेशान थी। इसके अलावा इस वजह से उसने यह कदम उठा लिया।