चंडीगढ़ पुलिस विभाग ने 2 एसआई व 1 एएसआई बर्खास्त किए
चंडीगढ़, 25 मई: चंडीगढ़ पुलिस विभाग ने 2 सब इंस्पैक्टर (एसआई) व 1 असिस्टैंट सब इंस्पैक्टर (एएसआई) को बर्खास्त कर दिया। हालां कि इनमें से दो पुलिस बुड़ैल जेल में बंद है जबकि एक बाहर है। इनको बर्खास्त क्यों किया..आखिर क्या था पूरा मामला..जान लें इस विशेष खबर में।
पिछले महीने 10 अप्रैल को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने 10 हजार की रिश्वत की रकम के साथ सैक्टर 17 थाने में तैनात सब इंस्पैक्टर बलविंदर सिंह व पीओ सेल में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पैक्टर हरमीत सिंह को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने पीड़ित की शिकायत के बाद आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
शिकायतकर्ता ने सीबीआई को बताया था कि सब इंस्पैक्टर एक शिकायत बंद करने और शिकायतकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने के एवज में 1 लाख रु पये की रिश्वत मांग रहा है। उनके बीच सौदा 40 हजार रूपए में तय हुआ था। उसने 10-10 हजार रूपए किश्तों में देने की बात कही थी। जिसके बाद शिकायतकर्ता सीबीआई के पास पहुंचा था। उसकी शिकायत पर जांच के बाद सीबीआई ने 10 अप्रैल को सुबह पहले आरोपी पुलिस कर्मियों को दबोचने के लिए ट्रैप लगाया था।
ट्रैप के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा दी जा रही रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार के साथ आरोपी एएसआई हरमीत सिंह को सैक्टर 43 बस स्टैंड के पास से दबोच लिया गया था। पकड़े जाने के बाद हरमीत ने बताया था कि रिश्वत की रकम का कुछ हिस्सा सब इंस्पैक्टर बलविंदर के पास भी जाना था। जिसके बाद बल¨वदर को भी रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद सीबीआइ ने दोनों आरोपियों के घर व ऑफिस की भी तलाशी ली है। सीबीआइ को उनके ऑफिस व घरों से अहम दस्तावेज मिले थे। इस समय दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।
मामला 2019 का बताया जा रहा था। श्याम सुंदर चड्ढा नाम के एक व्यक्ति ने सैक्टर 41 के रहने वाले अनिल कुमार के खिलाफ चेक चोरी करने की शिकायत दी थी। उसके बाद से शिकायत को लगातार दबाया जा रहा था। लेकिन अब यह शिकायत सैक्टर 17 थाने में तैनात सब इंस्पैक्टर बलविंदर सिंह के पास पहुंची थी। इस मामले में पीओ सेल में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पैक्टर हरमीत सिंह मामले में बिचौलिए की भूमिका निभा रहा था। केस का जांच अधिकारी सैक्टर 17 थाने में तैनात सब इंस्पैक्टर बलविंदर सिंह था।
सूत्रों के अनुसार इनके खिलाफ शिकायत देने वाला शिकायतकर्ता हरमीत का जानकार था। हरमीत के जरिए ही रिश्वत की रकम तय हुई थी और तय हुआ था किस तरह उसे शिकायतकर्ता को राहत दी जाएगी। वहीं बलविंदर सिंह विभाग से एक महिने बाद वॉलंटियर रिटायरमेंट स्कीम(वीआरएस) लेने वाला था। उसने इस संबंधित दस्तावेज विभाग में जमा करवाए थे। लेकिन इससे पहले ही सीबीआइ ने उसे पकड़ लिया था।
वहीं तीसरे सब इंस्पैक्टर परमजीत सिंह के बारे में जानकारी मिली कि वह पिछले जुलाई माह से अपनी डय़ूटी से गैरहाजिर है। परमजीत सिंह के खिलाफ आला अधिकारियों ने विभागीय जांच के आदेश दिए थे, लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुआ और पिछले जुलाई माह से अब तक वह डय़ूटी से गैरहाजिर है। न तो उसने कोई एप्लीकेशन दी और ही किसी को कुछ बताया। जिसके चलते पुलिस विभाग ने उसे भी नौकरी से निकाल दिया।