दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 3 गिरफ्तार, 71 मोबाइल, 5 लैपटॉप रिक्वर
चंडीगढ़, 19 मार्च: दिल्ली में फर्जी कॉल सैंटर चलाकर लोगों को लाखों की चपत लगाने वाले दो मालिकों सहित तीन को साइबर थाना पुलिस की टीम ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान यूपी के अलीगढ़ के रहने वाले 34 वर्षीय अशोक कुमार, ईस्ट दिल्ली के रहने वाले 25 वर्षीय सुशांत गुप्ता,और 34 वर्षीय उमेश के रूप में हुई है। आरोपियों से पुलिस को 70 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप व 1 एक एटीएम कार्ड बरामद हुआ है। फिलहाल पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक मामले में पकड़ा गया आरोपी अशोक कुमार 12वीं तक पढ़ा-लिखा है और उसने होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है। वह फर्जी वेबसाइट रजिस्टर और बैंक का हिसाब किताब का प्रबंधन करता था और उसे कॉल के मुनाफे में 55 फीसदी प्रॉफिट मिलता था। आरोपी सुशांत ने बीकॉम की हुई है।
कॉल के मुनाफे में उसे 45 फीसदी का प्रॉफिट मिलता था और तीसरे आरोपी उमेश ने दसवीं की है और वह फर्जी तरीके से सिम कार्ड और आईडी उपलब्ध कराता है, जो एक सिम कार्ड के 1 हजार रुपए लेता था। अभी तक पुलिस जांच में सामने आया कि वह उक्त दोनों को 100 से ज्यादा सिम कार्ड मुहैया करवा चुका है।
थाना साइबर सेल पुलिस को मामले में गुप्त सूचना के जरिए सूचना मिली थी कि मामले में लोगों से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी एरिया में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए और चंडीगढ़ पुलिस के एसपी साइबर क्राइम केतन बंसल के दिशा निर्देशों के चलते डीएसपी साइबर ए. वेंकटेश की सुपरविजन में थाना साइबर सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह की टीम ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी अशोक कुमार और सुशांत गुप्ता ने खुलासा किया कि वे विभिन्न ऑनलाइन नौकरियां उपलब्ध कराने के लिए फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे, जिसमें आरोपी अशोक कुमार ने कई फर्जी वेबसाइट रजिस्टर कराई। वह जस्टडायल के माध्यम से वेबसाइट डेवलपर्स से संपर्क कर उसके बाद वह वेबसाइट उपलब्ध कराता है। उनकी कॉलिंग टीम पूरे भारत में लोगों को कॉल करती हैऔर उनके अनुसार नौकरियां ऑफर करती थी।
वह उन्हें अपनी फर्जी वेबसाइट की जानकारी देते हैं और उस पर रजिस्टर करने के लिए कहते हैं। पंजीकरण के लिए 1650 रूपए करने का झांसा देकर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर उसके बाद परिणाम दिखा कर ऑफर लेटर भेज कर 4 से 5 हजार रु पए प्रशिक्षण शुल्क के रूप में चार्ज करते थे। आरोपी इसके बाद चयनित अभ्यर्थी को ज्वाइनिंग लेटर भेज और भरोसा दिला देते थे। साथ में वह लैपटॉप देने का भी वादा करते थे और लैपटॉप की सुरक्षा के लिए 15 से 20 हजार रुपए और ठग लेते थे। मामले का मास्टर माइंड अशोक कुमार है।