पंजाब

अग्निवीर योजना के पहले योधे अमृतपाल सिंह ने जम्मू-कश्मीर में दी अपने प्राणों की आहुति

गार्ड आफ आनर से नहीं किया सम्मानित , मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान व् विपक्ष ने केंद पर साधा निशाना

भारत की मोदी सरकार और से शुरू अग्निवीर योजना के पहले शहीद अमृतपाल सिंह , जिन्होने 19 साल की कम उम्र में जम्मू-कश्मीर में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, शहीद के शव को घर लाने के लिए सेना की एम्बुलेंस तक उपलब्ध नही कराई न ही गार्ड आफ आनर से सम्मानित किया गया । फौज का कहना है कि कि अमृतपाल सिंह शहीद नहीं है , वह अग्निवीर था ।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार अपनी नीति के अनुसार शहीद सैनिक अमृतपाल सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवज़ा देगी।
यहाँ जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के शहीदों के प्रति केंद्र चाहे कोई भी नीति अपनाए परन्तु हमारी सरकार ऐसे पंजाब के शूरवीर पुत्रों के परिवारों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार शहीद अमृतपाल सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जायेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह चैक जल्द ही पीडि़त परिवार को सौंप दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता को बरकरार रखने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले इस शहीद के परिवार के साथ सौतेली माँ वाला सुलूक करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से ग़ैर-वाजिब है और इस पंजाब के पुत्र की शहादत का निरादर करना अति-निंदनीय है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह जल्द ही इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाएंगे।
शिरोमणी अकाली दल ने अग्निवीर योजना के पहले शहीद अमृतपाल सिंह , जिन्होने 19 साल की कम उम्र में जम्मू-कश्मीर में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, को गार्ड आॅफ आॅनर से सम्मानित न करने की कड़ी निंदा की और शहीद के शव को वापिस लाने के लिए सेना की एम्बुलेंस उपलब्ध न कराने की भी कड़ी निंदा की है। उन्होने कहा कि पार्टी अग्निवीर योजना को तत्काल रदद करने और योजना के तहत अब तक भर्ती किए गए सभी सैनिकों की सेवाओं को नियमित करने की मांग करती है।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार ने नई अग्निवीर पाॅलिसी के कारण देश के पहले शहीद केवल 19 साल के अमृतपाल सिंह के शव को घर लाने के लिए सेना की एम्बुलेंस तक उपलब्ध नही कराई गई। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि शहीद को पारंपरिक गार्ड आॅफ आॅनर भी नही दिया गया।

मजीठिया ने कहा कि यह देश के सैनिकों के लिए बनाई गई सबसे शर्मनाक और घृणित पाॅलिसी है जो अपनी मातृभूमि को दुश्मन से बचाने के लिए हमेशा मोर्चे पर रहते हैं । उन्होेने कहा कि हमने आजादी के बाद ऐसी योजना कभी नही देखी है और हम इस योजना को पूरी तरह से खारिज करते हैं।

अकाली नेता ने कहा कि कल ही गृह मंत्री श्री अमित शाह ने स्वीकार किया था कि सिख समुदाय देश को बचाने के लिए सबसे आगे है , लेकिन भारत सरकर उनके साथ क्या कर रही है? उन्होने कहा कि यह सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात है कि देश के बलिदान देने के बाद अग्निवीरों को पूरी तरह से नजरअंदाज करना उनकी पाॅलिसी थी? उन्होने कहा कि मोदी सरकार के अंसवेदनशील रवैये को देखते हुए युवा इस योजना के तहत भर्ती होने से परहेज करेंगें।

वरिष्ठ अकाली नेता ने मोदी सरकार से इस योजना को तुरंत बंद करने और अब तक भर्ती किए गए सभी अग्निवीरों की सेवाएं नियमित करने की मांग की है।
मजीठिया ने पंजाब सरकार से शहीदों का सम्मान करने और परिवार को एक करोड़ रूपये और परिवार के लिए एक नौकरी की सहायता प्रदान करने की अपील की है।
सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, अग्निवीर अमृतपाल सिंह की राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद की गोली लगने से मौत हो गई। अधिक विवरण सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी चल रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!