हिमाचल प्रदेश

राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश राजभवन को आम जनता के लिए खोला

15th August 2023

आम जनता के लिए शनिवार और रविवार को दोपहर 2 से सायं 5 बजे तक खुला रहेगा राजभवन
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज हिमाचल प्रदेश राजभवन को औपचारिक रूप से आम जनता को समर्पित किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। हिमाचल प्रदेश राजभवन आम जनता के लिए प्रत्येक शनिवार और रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि बार्नस कोर्ट, जो अब राजभवन है, 1832 में निर्मित ब्रिटिश समय का एक विरासत भवन है। इसके निर्माण में भारतीय कुशल कारीगरों का महत्वपूर्ण योगदान है। इस इमारत का विशेष महत्व है क्योंकि यह कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। उन्होंने कहा कि यह भवन महज राजकीय महत्व के कार्यक्रमों के लिए सीमित नहीं होना चाहिए, इसी सोच के साथ अमृत काल में उन्होंने इसे आम जनता के लिए खोला है ताकि वे भी इस ऐतिहासिक भवन का अवलोकन कर सकें और इसके इतिहास के बारे में जानकारी ले सकें।े
राज्य के स्कूली छात्रों और दस वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए राजभवन में प्रवेश निःशुल्क होगा, जिसके लिए उन्हें प्रवेश के समय अपना वैध पहचान-पत्र दिखाना होगा। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रों, राज्य और बाहरी राज्यों के आगंतुकों को राजभवन में प्रवेश के लिए 30 रुपये शुल्क अदा करना होगा। विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 60 रुपये होगा। दिव्यांग व्यक्यिों और राष्ट्रीय एवं राज्य पुरस्कार विजेताओं के लिए प्रवेश निःशुल्क होगा। प्रवेश शुल्क के तहत 6 छायाचित्र की सॉफ्ट कॉपी एवं राजभवन ब्रोशर निःशुल्क उपलब्ध करवाये जायेंगे।
राजभवन में प्रवेश से पहले आगंतुकों को बार्नस कोर्ट के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का वर्णन करने वाली एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। एक समय में किसी भी समूह से 15 व्यक्ति राजभवन में प्रवेश कर सकेंगे तथा स्कूली विद्यार्थियों के समूह में 30 विद्यार्थी शामिल होंगे।

15th August 2023

 

मुख्यमंत्री ने बाधित विद्युत और जलापूर्ति परियोजनाओं को समयबद्ध बहाल करने के निर्देश दिए

 

 

कहा गिरे हुए पेड़ों के उचित निपटान के लिए शीघ्र कदम उठाए वन विभाग
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में मौजूदा आपदा जैसी स्थिति की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में बारिश में 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे राज्य में भारी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि अवरूद्ध बहाली कार्यों में और तेजी लाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि 1220 सड़कों में से लगभग 400 को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने विद्युत और जलापूर्ति परियोजनाओं को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने को कहा।
उन्होंने कहा कि शिमला शहरी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण 500 से अधिक पेड़ गिर गए हैं जिससे स्थानीय लोगों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इसके दृष्टिगत वन विभाग को त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि गिरे हुए पेड़ों का समयबद्ध व उचित निपटान सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने शिमला में जल निकासी प्रणाली को सुदृढ़ करने और पुराने नालों के जीर्णोद्धार पर बल दिया। इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति जल निकासी और क्रॉस-ड्रेनेज का निरीक्षण करेगी।
मुख्यमंत्री ने अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रदेश भर के शहरी क्षेत्रों में कूड़ा-कर्कट के उचित निपटान की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने भविष्य में निर्माण परियोजनाओं के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ व्यापक संरचनात्मक अभियांत्रिकी पहल के तहत योजना बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव गृह डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक एसडीएमए डीसी राणा, एडीजीपी सतवंत अटवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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