चंडीगढ़

पार्किग कांट्रैक्टर से रिश्वत मामले में कांस्टेबल दोषी करार, हैड कांस्टेबल बरी, इंस्पैक्टर की हो चुकी है मौत..कांस्टेबल को 31 को सुनाई जाएगी सजा

चंडीगढ़, 27 जनवरी: 2014 में सैक्टर-34 के एक पार्किग ठेकेदार से 10 हजार रुपयों की रिश्वत लेने के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने हैड कांस्टेबल मुकेश को बरी कर दिया जबकि मामले में कांस्टेबल को दोषी करार दिया गया है। उसकी सजा पर  फैसला 31 जनवरी को फैसला हो सकता है। इसी मामले में रिश्वत केस में फंसे सैक्टर-34 थाने के तत्कालीन एसएचओ राजेश शुक्ला की मौत हो चुकी है।
शुक्ला पर अपने पुलिसकर्मियों के जरिए पार्किग कांट्रैक्टर ललित जोशी से 10 हजार रु पए रिश्वत लेने का आरोप था।आरोप के मुताबिक इंस्पेक्टर शुक्ला ने कांस्टेबल दिलबाग सिंह और हैड कांस्टेबल मुकेश के जरिए रिश्वत की रकम प्राप्त की थी।  सीबीआई  ने इंस्पेक्टर शुक्ला को रंगे हाथों पकडा था। आरोपी मुकेश की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट गगन अग्रवाल ने कहा था कि उसे केस में झूठा फंसाया गया। बता दें कि शुक्ला की गिरफ्तारी के दौरान  सीबीआई इंस्पेक्टर अशोक यादव ने शुक्ला को पूछताछ के दौरान लात और चांटा मारा था। बुडै़ल चौकी में लगे  सीसीटीवी कैमरे में यह सारी घटना कैद हो गई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इसके बाद अशोक यादव को सस्पेंड कर दिया गया था। मामले में शिकायतकर्ता पार्किग कांट्रैक्टर ललित जोशी का रिश्तेदार अमन जोशी चंडीगढ पुलिस में डेपुटेशन पर कार्यरत था। थाना पुलिस ने पार्किंग कांट्रैक्टर को पार्किंग एरिया में शराब पीने के चलते केस दर्ज कर उसका लाइसेंस कैंसिल करवाने की धमकी दी थी। वहीं रिश्वत की मांग की गई थी। जिसकी शिकायत जोशी ने सीबीआई को दी और सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने ट्रैप लगा शुक्ला के अधीनस्थ कर्मी को रिश्वत लेते दबोचा था। बाद में शुक्ला की गिरफ्तारी की गई थी। इंस्पेक्टर राजेश शुक्ला और कांस्टेबल दिलबाग सिंह पर जहां प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 और 13(1)(डी) और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश रचने) के तहत चार्ज फ्रेम हुए थे। वहीं कांस्टेबल मुकेश कुमार के खिलाफ 120 बी के तहत चार्ज फ्रेम हुए थे। वहीं  सीबीआई ने आरोपियों के मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए दिल्ली स्थित सीएफएसएल  भी भिजवाए थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!