आर्थिक गतिविधियों के सृजन में बैंक बुनियादी इकाई: एडीसी
बैंक सलाहकार एवं समीक्षा बैठक में बोले डाॅ. अमित कुमार
ऊना, 28 दिसम्बर – आर्थिक गतिविधियों के सृजन में बैंक एक बुनियादी इकाई है, जिसके माध्यम किसी भी रोज़गार के संचालन में आरम्भिक सहयोग महत्वपूर्ण है। यह बात आज अतिरिक्त उपायुक्त डाॅ. अमित कुमार ने आज यहां बचत भवन में आयोजित ज़िला स्तरीय बैंक सलाहकार एवं समीक्षा समिति की द्वितीय तिमाही की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
डाॅ. अमित कुमार ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की द्वितीय तिमाही के अंत तक 2365 करोड़ 38 लाख के ऋण के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 1053 करोड़ 42 लाख के ऋण वितरित किये गये हैं। इस अवधि तक बैंकों की जमा राशि 9.7 प्रतिशत वृद्धि के साथ 11847.73 करोड़ रूपये हो गयी है, जबकि ऋण राशि 13.88 प्रतिशत की दर से बढ़कर 3675.79 करोड़ हो गई है। ज़िला का ऋण जमा अनुपात वर्ष में 31.03 प्रतिशत पहुंच गया है, जोकि राष्ट्रीय लक्ष्य 60 प्रतिशत की अपेक्षा काफी कम है। एडीसी ने इस दिशा में सुधार लाने हेतु बैंकों और सरकारी विभागों को आपसी तालमेल के साथ सकारात्मक प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि ज़िला के बैंकों ने माह सितंबर तक 61842 कृषि कार्ड किसानों को वितरित किये हैं, जबकि बैंकों ने 694 कृषि कार्ड किसानों को बांटे हैं। बैंकों का कृषि ऋण 683.77 करोड़ है जो कि कुल ऋणों का 18.6 प्रतिशत है। उन्होंने बैंकों से ज़िला की जनता के जीवन स्तर को सुधारने हेतु हर तरह की वित्तीय सहायता का भी आहवान किया ताकि बैंकों की सहायता से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अधिक से अधिक लोगों को शामिल किया जा सके। बैठक में वित्त बर्ष 2023-24 में जिला ऊना के लिए नाबार्ड की 2217 करोड़ 26 लाख रुपए की ऋण योजना भी रिलीज की गई।
एडीसी ने बेंकों को निर्देश दिये कि जिला में अधिक से अधिक लोगों को विभिन्न बैंको की ऋण योजनायों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाए। इससे न केवल आम लोग बल्कि उद्यमी भी लाभान्वित होंगे तथा जिला के ऋण व जमा अनुपात में भी काफी सुधार होग। उन्होंने सभी बैंको को सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के तहत ऋण आवेदनों को समय पर स्वीकृत करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक, ऊना के मुख्य प्रबन्धक युवराज आनंद ने कहा कि बैंकों को वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत निधारित लक्ष्यों को समयावधि में हासिल करने के प्रेरित किया। उन्होंने अधिक से अधिक कृषि कार्ड बाँटने, कृषि औजारों हेतु ऋण प्रदान करने तथा लघु उद्योगों कों बढ़ावा देने के लिये सरलता से ऋण प्रदान करने का आह्वान किया। इसके अतिरिक्त सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत लोगों को फायदा पहुंचाने हेतु सभी बैंक और सरकारी व गैर-सरकारी अधिकारी रचनात्मक भूमिका अदा करें। जबकि फसल बीमा योजना तथा अन्य कृषि सम्बद्ध गतिविधियों में अधिक से अधिक किसानो को शामिल करने के प्रयास किये जाए। नाबार्ड के ज़िला विकास प्रबन्धक अरुण कुमार ने बैठक में शामिल सदस्यों कों स्वयं सहायता समूह बनाने हेतु, जे.एल.जी. तथा नये किसान क्लब बनाने का अनुरोध किया।
बैठक में मुख्य ज़िला अग्रणी बैंक प्रबन्धक गुरचरण भट्टी, जिला विकास अधिकारी भारतीय रिजर्व बैंक शुभम द्विवेदी, जिला विकास प्रबन्धक अरुण कुमार, संयुक्त निदेशक जिला उद्योग केन्द्र अंशुल धीमान, आरसेटी निर्देशक संदीप ठाकुर, विभिन्न बैंकों के ज़िला समन्वयकों तथा सरकारी व गैर-सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया ।