हिमाचल प्रदेश
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करें अधिकारीः मुख्य सचिव
सभी जिलों को एसडीआरएफ से जारी किए गए हैं 232.31 करोड़ रुपये
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति के आकलन के लिए आज यहां मुख्य सचिव आर.डी. धीमान की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को पर्याप्त मशीनरी तैनात करने और प्रभावित क्षेत्रों में सभी बुनियादी सुविधाएं सुचारू बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि संबंधित उपायुक्त भारी वर्षा से हुए नुक्सान की वीडियोग्राफी सुनिश्चित करें और प्रभावित लोगों को शिविरों में आश्रय प्रदान करें तथा नुक्सान के सही आकलन के लिए इनके बयान भी दर्ज करें। इन लोगों के रहने और खाने-पीने की भी पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। भूस्खलन और बाढ़ से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों को बंद करके इन संस्थानों या अन्य सामुदायिक भवनों में शिविर स्थापित किए जा सकते हैं।
मुख्य सचिव ने बिजली बोर्ड के अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों को एसडीआरएफ से 232.31 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए सभी जिलों में इस समय पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी उपायुक्त और एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए पेयजल स्रोतों की सफाई सुनिश्चित करवाएं। आवश्यकता पड़ने पर राहत शिविरों और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति करवाएं। आर.डी. धीमान ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को पौंग बांध, चमेरा बांध और अन्य जलविद्युत परियोजनाओं के जलाशयों के जल स्तर पर लगातार नजर रखने तथा किसी भी आपात स्थिति में लोगों को अलर्ट करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए पर्यटकों के लिए आवश्यक एडवायजरी जारी करके उन्हें अलर्ट करें।
बैठक में राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने की कुल 34 घटनाएं हुई हैं, जिनमें 16 लोगों की मौते हुई हैं और अभी 8 लोग लापता हैं। मंडी, कांगड़ा और चंबा जिले में सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है। जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार राज्य में कुल 742 सड़कें बंद हुई हैं, जिनमें से 407 को शनिवार शाम तक बहाल कर दिया जाएगा। जबकि, 268 सड़कें रविवार तक बहाल कर दी जाएंगी। प्रदेश भर में कुल 172 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें से 39 योजनाओं की आपूर्ति रविवार तक बहाल कर दी जाएंगी।