हिमाचल प्रदेश

कैप्टन संजय कालेश्वर महादेव में मनाएंगे देव दीपावली का त्योहार

कैप्टन संजय कालेश्वर महादेव में मनाएंगे देव दीपावली का त्योहार
डाडासीबा-
कैप्टन संजय पराशर वीरवार शाम को ब्यास नदी के तट पर स्थित ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल कालेश्वर महादेव में देव दीपावली का त्योहार मनाएंगे। इस अवसर पर पराशर और आसपास के गांवों के वासी दीप जलाकर देवताओं व भगवान से दुनिया की सुख-स्मृद्धि की भी कामना करेंगे। देव दीपावली का त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवता स्वर्ग से उतर कर गंगा नदी के घाटों पर दीपावली मनाते हैं। इस साल देव दीपावली का आयोजन 18 नवबंर को है । पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव से त्रिपुरासुर का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इसी उपलक्ष्य में देवताओं द्वारा दीपावली मनाई जाती है। इसके अलावा मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार भी लिया था। इसी दिन सिख गुरु नानक देव जी का जन्म भी हुआ था। इस दिन को नानक पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। संजय पराशर ने बताया कि कालेश्वर महादेव पावन धार्मिक स्थल है और हिमाचल प्रदेश के हरिद्वार के नाम से विख्यात है। वहीं, देव दीपावली के दिन का
सनातन धर्म में बहुत महत्व है। वह इस पवित्र स्थल पर इस अवसर पर परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करेंगे कि कोरोना की विपदा का अंत हो और भारत सहित समस्त जगत इस नकारात्मक वातावरण से जल्द ही उबर कर बाहर आए।

नहीं टूटने देगें सांसे-
संजय ने बारह घंटे में पहुंचाए तीन मरीजों के घर आॅक्सीजन कंस्ट्रेटर
-अब तक 92 मरीजों की सांसों की डोर बांधे रखने में मदद की है कैप्टन संजय ने
डाडासीबा-
कोरोना कहर के बीच मरीजों की टूटती सांसों काे थामे रखने के लिए कैप्टन संजय ने जो मदद अभियान शुरू किया था, वह आज भी निरंतर जारी है। ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर बैंक बनाने के बाद पराशर मरीजों के घरों तक निशुल्क इन मशीनों को पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं। बीते बारह घंटे में संजय की टीम ने तीन ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मरीजों के घरों तक पहुंचाए। अपने संकल्प को दोहराते हुए कैप्टन संजय ने कहा कि वह हर हाल में मरीजों की सांसों की डोर को बांधे रखने में अपना शत-प्रतिशत दांव पर लगा देगें।
दरअसल पराशर ने कोरोना की दूसरी लहर में विदेश से 37 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर अायात किए थे। कुछ कंस्ट्रेटर स्वास्थ्य विभाग और समाज सेवी संस्थाआें को भी भेंट किए। शेष बची हुई मशीनों को जसवां-परागपुर और चिंतपूर्णी के पांच स्थानों पर रखा गया है। एक फोन कॉल पर ही ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर रोगी के घर तक पहुंचा दिया जाता है और आवश्यकता पूर्ण होने पर वापिस बैंक में जमा करवा लिया जाता है। कंस्ट्रेटर बैंक में पांच, सात व दस लीटर के ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध हैं, जोकि मरीज की हालत के अनुसार भेजे जाते हैं। कोरोना की दूसरी लहर से लेकर अब तक 92 मरीजों को कंस्ट्रेटर बिना कोई पैसा खर्च उपलब्ध करवाए गए हैं। बड़ी बात यह भी है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ हृदय संबंधी रोगियों को भी इस सुविधा का लाभ मिला है। वहीं, बीते बारह घंटों में दो ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भेजे। मंगलवार शाम को चन्नौर पंचायत के प्रधान संजीव कुमार ने पराशर को फोन पर बताया कि उनकी पंचायत के वार्ड नम्बर पांच के रमेश लंबे समय से बीमार हैं और अब उन्हें अस्पताल से वापिस लाने के बाद सांस लेने में भारी परेशानी पेश आ रही है। कैप्टन संजय ने तुरंत प्रधान के कहने पर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध करवा दिया है। इसके कुछ समय बाद देहरा के वरिष्ठ पत्रकार का फोन आया कि वह कोरोना पॉजीटिव आए हैं और ऑक्सीजन लेबल घट-बढ़ रहा है। ऐसे में उन्हें ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की आवश्यकता है। पराशर ने उसी समय अपनी टीम के सदस्य देहरा के लिए रवाना कर दिए। बुधवार सुबह देहरा से अश्वनी कुमार का फोन कैप्टन संजय को आया कि उनकी 94 वर्षीय बुजुर्ग माता कृष्णा कपूर को सांस लेने में दिक्कत पेश आ रही है और ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर के लिए सहायता मांगी। पराशर की टीम ने कपूर के घर में भी दो घंटे के भीतर आॅक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचा दिया। चन्नौर पंचायत के प्रधान संजीव कुमार और देहरा के अश्वनी कुमार ने बताया कि इस तरह की व्यवस्था और समय पर सहायता पहुंचाने के लिए वह कैप्टन संजय का आभार जताते हैं। वहीं, पराशर का कहना था कि कोरोनाकाल में खरीदे गए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर अब भी मरीजों के काम आ रहे हैं और जो सिस्टम कोरोना से लड़ने के लिए खड़ा किया गया था, वह भी दूरदराज के कोरोना संक्रमित और बुजुर्ग मरीजों को सांस की दिक्कत से राहत दिला रहा है।

पराशर द्वारा रक्कड़ में आयोजित 14वें मेडीकल कैंप में पहुंचे 1259 लाभार्थी
-पोलियां-पुरोहितां की नौ वर्षीय अक्षिता को भी दो मशीनें लगाने के बाद सुनाई देने लगा
डाडासीबा-
कैप्टन संजय पराशर द्वारा मंगलवार को महर्षि विद्या मंदिर स्कूल, रक्कड़ में 14 वें मेडीकल कैंप का अायोजन किया गया, जिसमें आंखों व कानों के मरीजों की जांच की गई।
इस स्वास्थ्य शिविर में 54 गांवों के कुल 1259 लाभार्थी पहुंचे। शिविर में 952 ने अपनी आंखों की जांच करवाई, जिसमें 629 को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए। 628 को आई ड्राप्स प्रदान किए गए तो चिकित्सा विशेषज्ञों ने 113 को मातियाबिंद की बीमारी से पीड़ित बताया गया। इन मरीजों का मोतियाबिंद का आपरेशन कैप्टन संजय द्वारा बिना किसी खर्च के जालंधर स्थित निजी अस्पताल में करवाया जाएगा। वहीं, इसी कैंप में 307 ने अपनी कानों की जांच करवाई। 141 को कानों की सुनने वाली मशीनें प्रदान की गईं। 173 महिलाओं को 1730 निशुल्क सैनेटरी पैड्स वितरित किए गए। इस कैंप में पोलियां-पुरोहितां की नौ वर्षीय अक्षिता ने भी अपने कानों की जांच करवाई, जिसे न के बराबर सुनाई देता था। चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा उसके दोनोें कानाें के लिए मशीनें दी गईं और उसे अब सुनाई देने लगा है। कोराना नियमों का पालन करने के बाद ही कैंप में जाने की इजाजत आयोजकाें द्वारा दी जा रही थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन संजय ने कहा कि उनके द्वारा निभाए जा रहे सामाजिक सरोकार मानवता की सेवा में समर्पित हैं। उन्होंने जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने का संकल्प लिया है और इसके लिए वह सुदूर गांवों में भी मेडीकल कैंपों का आयोजन कर रहे हैं। अब अगला कैंप बीस नवंबर को जसवां-परागपुर क्षेत्र के नंगल चौक में लगाया जाएगा। उसके बाद में भी नियमित अंतराल पर ऐसे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन होता रहेगा। पराशर की पत्नी सोनिका ने मेडीकल कैंप में पहुंचे लाभार्थियों से संवाद में कहा कि क्षेत्र की जनता का भी इन स्वास्थ्य शिविरों में अपार स्नेह व समर्थन मिल रहा है। कई पंचायत प्रतिनिधि और सामाजिक संस्थाएं भी अपना याेगदान दे रहे हैं और यही कारण है कि इसी वर्ष के फरवरी से लेकर अब तक चौदह मेडीकल कैंपों का आयोजन हो चुका है। मेडीकल कैंपों में बारह हजार से लाभार्थी पहुंचे हैं। वहीं, कैंप में पहुंचे चौली के अजीत सिंह, बंडा से हरबंस लाल, कूहना से अनीता देवी और साईं की की कमला देवी ने बताया कि उन्हें देखने में परेशानी महसूस होती थी, लेकिन अब पराशर के कारण पहले से अच्छा दिखाई देने लगा है। कोलापुर से सरोज कुमारी, रक्कड़ से ओमप्रकाश, भड़ोली जदीद से रमेश कुमार और बंडा से सुदेश चंद ने बताया कि उन्हें कैप्टन संजय के सौजन्य से कैंप में निशुल्क कानों को सुनने वाली मशीनें मिली हैं, जिसके लिए वे पराशर का आभार व्यक्त करते हैं। वहीं, रक्कड़ पंचायत के पूर्व प्रधान संजय धीमान और रत्न सिंह ने पराशर के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इन स्वास्थ्य शिविरों से गरीब व आम आदमी को बेहद लाभ मिल रहा है। पराशर अपने संसाधनों का उपयोग करके समाज व मानवता की सेवा कर रहे हैं।

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