पंजाब

डेल्टा प्लस वायरस पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा कोविड पाबंदियाँ 10 जुलाई तक बढ़ाने के आदेश

बार, पब और अहाते 50 प्रतिशत सामथ्र्य के साथ खोलने की इजाज़त
विद्यार्थियों और स्टाफ को वैक्सीन की एक डोज़ लगने की शर्त पर कौशल विकास केंद्र और यूनिवर्सिटियाँ खोलने की भी दी इजाज़त
मुख्यमंत्री ने पटियाला में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की स्थापना में तेज़ी लाकर एक जुलाई तक कार्यशील करने के आदेश
चण्डीगढ़, 29 जून:
डेल्टा प्लस के मामले सामने आने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड सम्बन्धी पाबंदियों में 10 जुलाई तक वृद्धि करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही बार, पब और अहाते 50 प्रतिशत सामथ्र्य के साथ एक जुलाई से खोलने की आज्ञा देने समेत कुछ अन्य ढील भी दी हैं।
कौशल विकास केन्द्रों और यूनिवर्सिटियाँ खोलने की भी इजाज़त दी गई है, जो स्टाफ और विद्यार्थियों को कोविड वैक्सीन की कम-से-कम एक डोज़ लगी होने की शर्त पर आधारित है। इसी तरह आयल्ट्स कोचिंग संस्थाएं खोलने की इजाज़त पहले ही दी जा चुकी है, परन्तु यह भी विद्यार्थियों और स्टाफ को वैक्सीन की कम-से-कम एक डोज़ लगी होने की शर्त पर आधारित है।
कोविड की समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कोविड पाबंदियों में दी गईं छूट का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बार, पब और अहातों को सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल की सख़्ती से पालना करनी होगी और वेटरों और अन्य सम्बन्धित मुलाजि़मों को कोविड की कम-से-कम एक डोज़ लगी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शर्तों की पालना को यकीनी बनाना मालिकों की जि़म्मेदारी होगी।
पॉजि़टिविटी दर एक प्रतिशत से कम की गिरावट आने जिससे समूचे तौर पर सक्रिय मामलों में भी कमी आई है, पर संतुष्टि ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में अभी भी पॉजि़टिविटी दर एक प्रतिशत दर से अधिक है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप की खोज चिंता का विषय है, जिस कारण प्रतिबंधों को जारी रखना ज़रूरी है।
मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि वायरस के बदलते स्वरूप के माहवार आंकड़ों ने दिखाया है कि वायरस का 90 प्रतिशत से अधिक रूप चिंता का विषय है और असली वायरस परिवर्तनशील रूप में बदल गया। उन्होंने कहा कि दो मामले (लुधियाना और पटियाला) में डेल्टा प्लस रूप के सामने आए हैं, जबकि मई और जून में डेल्टा रूप अधिक मौजूद था।
लुधियाना की मरीज़ के संपर्क में आए 198 व्यक्तियों की टेस्टिंग की गई, जिसमें से एक पॉजि़टिव पाया गया और वायरस के बदलते स्वरूप को जानने के लिए सैंपल भेजा जा चुका है। इसी तरह पटियाला केस में वायरस के नए स्वरूप का पता लगाए जाने सम्बन्धी रिपोर्ट 26 जून को प्राप्त हुई है और ट्रेसिंग/टेस्टिंग की प्रक्रिया जारी है। मुख्य सचिव विनी महाजन ने खुलासा किया कि जीनोम सैपलिंग के लगभग 489 सैंपल (अप्रैल में 276, मई में 100 और जून में 113) अभी तक केंद्रीय लैब में लम्बित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा मई में भेजे गए सैंपलों में वायरस का डेल्टा प्लस रूप पाया गया, जिसके नतीजे हाल ही में भारत सरकार की लैब्ज़ द्वारा दिए गए हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राष्ट्रीय स्तर की ग़ैर-लाभकारी संस्था ‘पाथ’ के सहयोग से पटियाला में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की स्थापना में तेज़ी लाने के आदेश दिए हैं, जिससे जुलाई तक इसको कार्यशील बनाया जा सके। उन्होंने भौगोलिक सीमाओं में कलस्टारों, संस्थागत या वायरस के फैलाव वाली घटना वाले इलाके में सामने आए मामलों का स्वरूप जानने में तेज़ी लाने के आदेश दिए हैं, जिससे कोरोना की संभावित तीसरी लहर के फैलाव को रोका जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने डेल्टा प्लस के मामलों वाले मुल्कों से आने वाले लोगों पर भी करीबी नजऱ रखने का सुझाव दिया।
विशेषज्ञों द्वारा अटल रूप में तीसरी लहर आने की जताई गई संभावना के लिए तैयारियों का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों को मौजूदा समय में प्रतिदिन 40,000 टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के आदेश दिए और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जो मौजूदा समय में प्रति पॉजि़टिव व्यक्ति 22 व्यक्ति हैं और कम-से-कम प्रति व्यक्ति 15 है।
कोरोना मुक्त ग्रामीण अभियान को पूरी तरह जारी रखने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने संस्था को टेस्टिंग के लिए लोगों तक ख़ास तौर पर गाँवों में कैंप लगाने की हिदायत की।
टेस्टिंग के लिए बदले समय को घटाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उन्होंने ‘पाथ’ से आए प्रस्ताव को आगे ले जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिससे सरकारी मैडीकल कॉलेज और अस्पताल, पटियाला में स्वैचालित लैब के लिए सहयोग मिल सके और इसको बार कोडिंग स्कैनिंग से लैस बनाया जाए, जिससे डेटा अपने आप सिस्टम में स्टोर हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोक साझेदारी मॉडल को प्राथमिकता देना जारी रखना चाहिए, जिससे कोविड सम्बन्धी एहतियात बरतने के लिए सामुदायिक स्वामित्व हो और निरंतर अभियान चलाया जा सके। इससे पहले संक्षिप्त पेशकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने बताया कि विभाग ने संभावित तीसरी लहर के पैर पसारने को रोके रखने के लिए व्यापक निगरानी रणनीति बनाई है। इनमें दूसरी लहर के बाद व्यवहार में तबदीली, मौसमी बदलाव, पुन: सक्रमण शामिल है।
मुख्यमंत्री ने विभाग को अब तक अपनाई जा रही माईक्रो कंटेनमैंट और कंटेनमैंट रणनीतियों से भी परे जाकर इलाका आधारित (वॉर्ड, गाँव, ब्लॉक, कस्बा, शहर) पाबंदियों पर काम करने के लिए कहा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह विभाग को डॉ. के.के. तलवाड़ कमेटी द्वारा हाल ही में चुने गए 128 स्पैशलिस्ट डॉक्टरों की जल्द से जल्द नियुक्ति और तैनाती करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर रेगूलर भर्ती भी जारी रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि मामलों में एकदम वृद्धि होने की सूरत में ऑक्सीजन की ज़रूरत पूरी करने के लिए 77 पी.एस.ए. प्लांटों की स्थापना की जानी प्रक्रिया अधीन है। उन्होंने बताया कि राज्य के पास 6700 ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर हैं।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओ.पी. सोनी ने कहा कि राज्य के सरकारी मैडीकल कॉलेजों में तीसरी लहर से निपटने के लिए 80 प्रतिशत ज़रूरी तैयारियाँ की जा चुकी हैं।
डॉ. तलवाड़ ने मीटिंग के दौरान बताया कि यह वायरस के स्वरूप के कारण तीसरी लहर की भविष्यवानी करनी बहुत मुश्किल है और 12 ऊँट पालकों से डेल्टा प्लस के मामले सामने आए हैं और महाराष्ट्र में 52 केस हैं। उन्होंने बहुत ही चौकसी बरतने की अपील करते हुए कहा कि यह देखना ज़रूरी है कि वायरस का यह रूप किस तरह का परिवर्तनशील व्यवहार करता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैक्सीन वायरस के वर्तमान रूप के विरुद्ध प्रभाव दिखा रही है।
ब्लैक फंगस के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा समेत अन्य राज्यों के मुकाबले पंजाब में बहुत कम केस हैं और दिल्ली में न सिफऱ् अधिक केस सामने आए, बल्कि पंजाब में हुई मौतों की अपेक्षा तीन गुना अधिक मौतें भी हुईं। हालाँकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि बदकिस्मती से राज्य में ब्लैक फंगस से 51 लोगों की मौत हुई है।

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