चंडीगढ़

सैक्टर-35:साऊथ कोरिया का वीजा लगवाने के नाम पर ठगे 12 लाख, वीजा फर्जी निकला, 2 गिरफ्तार

चंडीगढ़, 17 जनवरी: साऊथ कोरिया का वीजा लगवाने के नाम पर पंजाब के रहने वाले दो लोगों से 12 लाख रुपए ठगने वाले आरोपियों को सैक्टर-36 थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल आरोपियों ने वीजा तो लगवाया, लेकिन वीजा जाली पाया गया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान पंजाब के जिला बठिंडा के रहने वाले रमनदीप सिंह और उसके साथी पंजाब के जिला मोहाली के रहने वाले प्रशांत के रूप में हुई है। आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपियों को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। रिमांड के दौरान पुलिस ने और भी मामले को लेकर कई अहम जानकारियां हासिल करनी है।
जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता पंजाब के जिला पटियाला के रहने वाले गगनदीप सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने कुछ महीने पहले इंस्टाग्राम पर एक कंपनी का इमीग्रेशन का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में लिखा था कि साऊथ कोरिया का वर्क परमिट 7 दिन में लगा देंगे। शिकायतकर्ता ने उस विज्ञापन को देखकर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल किया। जिसने अपना नाम रजत बताया और उससे बात हुई। रजत ने शिकायतकर्ता को कहा  कि उनका वीजा 7 दिनो में लगवा देंगे। पीड़ित शिकायतकर्ता उनके झांसे में आ गया। पीड़ित और उसका दोस्त 25 दिसबर 2022 को सैक्टर-35 स्थित एक कंपनी में आए, क्योंकि शिकायतकर्ता के दोस्त हरदीप को भी साथ कोरिया जाना था। जब वह ऑफिस आए तो कंपनी का एमडी प्रशांत मिला और उसने शिकायतकर्ता और दोस्त हरदीप से बातचीत की और कहा कि वह निश्चित रहे, वर्क वीजा लग जाएगा। दोनों पीड़ितों को अपना मोबाइल नंबर दे दिए और कहा कि कोई भी जानकारी हासिल करनी हो वह उनसे सीधा बात कर सकते हैं। दोनों पीड़ितों ने कहा कि वह दोनों एक साथ कोरिया जाना चाहते हैं। तो कंपनी के प्रशांत ने कहा कि फिलहाल वह 12 – 12 लाख रु पए एंबेसी फीस जमा करवा दें। शिकायतकर्ता ने 24 हजार रूपए अपने गूगल पे से कर दिए और शिकायतकर्ता ने प्रशांत और रजत के कहने के अनुसार आधार कार्ड ,फोटो ,पासपोर्ट ,ड्राइविंग लाइसेंस उन्हें दे दिए। रजत ने कहा कि अब वह जा सकते हैं। जैसे ही उनका काम हो जाएगा वह उन्हें बता देंगे। जब कुछ दिनों बाद शिकायतकर्ता के पास रजत के  मोबाइल नंबर से कॉल आई कि उन दोनों का वीजा लग गया है। दोनों 6 – 6 लाख रु पए लेकर आ जाओ। शिकायतकर्ता और उसका दोस्त दोनों पर भरोसा करते हुए 5 जनवरी 2023 को सैक्टर-35 स्थित इमीग्रेशन के प्राइवेट कार्यालय में पहुंचे, तो दोनों ने 11 लाख 26 हजार कैश दे दिए। यह रु पए शिकायतकर्ता और उसके साथी ने रजत को दिए थे। और उसी समय सभी पैसे गिन कर प्रशांत को दे दिए। वीजा भी दोनों को दे दिया गया और साथ में कहा कि टिकट वह उनको कुछ दिनों बाद दे देंगे। इसी दौरान शिकायतकर्ता ने 50 हजार रूपए गूगल पे भी किए। दोनों पीड़ित उन पर भरोसा करते हुए अपने घर चले गए। 11 जनवरी 2023 को उनके कहने के अनुसार दोनों पीड़ित सैक्टर-35 स्थित उनके कार्यालय टिकट लेने आए और प्रशांत ने शिकायतकर्ता के मोबाइल पर दिल्ली से कोरिया की 23 जनवरी 2023 की दोनों की टिकट व्हाट्सएप नंबर पर भेजी। जब टिकट चेक करवाई तो कैंसिल पाई गई। जब पीड़ित को शक हुआ तो उन्होंने वीजा चेक करवाया, लेकिन वीजा जाली बताया गाय। जिसकी शिकायत तुरंत पुलिस को दी गई। सैक्टर-36 पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने गिरफ्तार कर लिया।

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