पंजाब

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सरकारी स्कूलों के बारहवीं कक्षा के समूह विद्यार्थियों को स्मार्ट फ़ोन मुहैया करवाकर अपनी सरकार का वादा निभाया

चंडीगढ़, 31 दिसम्बर: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को ‘पंजाब स्मार्ट कनैक्ट स्कीम’ के पहले पड़ाव का अंत करते हुए 44,015 स्मार्ट फ़ोन बाँटकर अपनी सरकार के राज्य के सरकारी स्कूलों के बारहवीं कक्षा के समूह विद्यार्थियों को इस साल के अंत तक 1,74,015 स्मार्ट फ़ोन बाँटे जाने के वायदे को पूरा कर दिया है। इस मौके पर हुए वर्चुअल समागम के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की यह नवीन पहल सरकारी स्कूलों में ख़ासकर कोविड-19 महामारी के दौरान निर्विघ्न ई-शिक्षा को मज़बूत करने में सहायक होगी।

उन्होंने आगे बताया कि इससे पहले 12 कक्षा के विद्यार्थियों को 1,30,000 स्मार्ट फ़ोन बाँटे गए थे। मुख्यमंत्री ने इस स्कीम के ऐलान के बाद दाखि़ला लेने वाले बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी 1428 स्मार्ट फ़ोन जल्द देने का वायदा किया, जिससे 87.84 करोड़ रुपए की लागत वाली स्कीम के अंतर्गत फ़ोन प्राप्त करने वाले 1946 सीनियर सेकंडरी स्कूलों के 1,75,442 विद्यार्थी (88,059 लडक़े और 87,284 लड़कियाँ) हो जाएंगे। इस मौके पर आज राज्य के 1101 स्कूलों में हुए स्मार्ट फ़ोन वितरण समारोहों में विभिन्न मंत्रियों, विधायकों और अन्य आदरणियों ने शिरकत की। साल 2020 को मानवता के लिए अभूतपूर्व चुनौतियों और कठिनाईयाँ भरा वर्ष बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको यकीन है कि पंजाब और पंजाबियत विजेता होकर उभरेंगे। उन्होंने अध्यापकों और विद्यार्थियों को पूरी तनदेही के साथ मेहनत करने का न्योता दिया, जिससे मुल्क में बोर्ड की परीक्षाओं के बेहतर नतीजे सुनिश्चित बनाए जा सकें। समूह नागरिकों ख़ासकर विद्यार्थियों को नये वर्ष की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने इस साल के अंत तक बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को स्मार्ट फ़ोन देने का वायदा पूरा कर सकने के लिए ख़ुशी का इज़हार किया। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को प्राईवेट और कॉन्वेंट स्कूलों के विद्यार्थियों के मुकाबले के योग्य बनाने के लिए बेहतरीन बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आधुनिक ढांचे के साथ 7842 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदला जा चुका है। इसी तरह उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य भर में 16,589 क्लासरूम, स्मार्ट क्लासरूम में बदले गए हैं और चार करोड़ रुपए की लागत के साथ 394 स्कूलों में 3502 टैबलेट भी मुहैया करवाए गए हैं। साल 2017 से प्री-प्राईमरी स्कूल शिक्षा को लागू करने वाला पंजाब, देश का पहला राज्य होने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सभी सरकारी प्राईमरी स्कूलों को इसके अधीन लाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के लगभग 3.71 लाख विद्यार्थियों ने अंग्रेज़ी को परीक्षा के माध्यम के तौर पर चुना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में सरकारी स्कूलों में लागू किए गए सुधारों से शिक्षा का मानक बढ़ा और प्राईवेट स्कूलों से शिफ्ट होने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढऩे से 14.9 प्रतिशत का अभूतपूर्व इज़ाफा हुआ है। इस मौके पर मोहाली जि़ले के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल मुद्धों संगतियां के विद्यार्थी अमरीक सिंह, अनुजदीप सिंह, दविन्दर सिंह, गुरतेज सिंह, परवीर सिंह और सहजप्रीत सिंह के अलावा झंजेड़ी की नरिन्दर कौर, ख़ुशी रुकसाना और शिवानी देवी ने मुख्यमंत्री से स्मार्ट फ़ोन प्राप्त किये। इस दौरान पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने ‘पंजाब स्मार्ट कनैक्ट स्कीम’ के द्वारा सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को बराबर मौके मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री को बधाई दी। स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि राज्य सरकार ने विद्यार्थियों ख़ासकर कमज़ोर वर्गों के विद्यार्थियों को स्मार्ट फ़ोन बाँटने के व्यापक कार्य को सफलता के साथ पूरा किया है, जिससे कोविड के समय के दौरान ऑनलाइन शिक्षा निर्विघ्न ढंग से मुहैया करवाने को यकीनी बनाया जा सके। इस दौरान खेल और युवक सेवाएं कल्याण मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने स्कूल शिक्षा मंत्री को खेल गतिविधियों के लिए न्यूनतम एक पीरियड लाजि़मी बनाने के लिए कहा, जिससे विद्यार्थियों को खेल के लिए बड़े स्तर पर प्रोत्साहित किया जा सके। अपने संबोधन में पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिन्दर सिंह ढिल्लों ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह की दूरदर्शी लीडरशिप की सराहना की, जिससे राज्य को नयी उपलब्धियां हासिल हुई हैं। इस मौके पर खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली, पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और विशेष प्रमुख सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह उपस्थित थे।

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