पंजाब

CM भगवंत मान और बिजली मंत्री की गैरमौजूदगी में पंजाब के अधिकारियों से मिले केजरीवाल, विपक्ष ने उठाए सवाल सिद्धू ने भी दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिए पंजाब सरकार चलाने के लगाए आरोप

 

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बिजली मंत्री हरभजन सिंह को दरकिनार कर पंजाब की बिजली के मामले में पंजाब के मुख्य सचिव और बिजली विभाग के आला अधिकारियों के साथ की गयी बैठक का मुद्दा गर्मा गया है।
आप के पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी ने फेसबुक पोस्ट कर आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने भगवंत मान और बिजली मंत्री हरभजन सिंह की गैरमौजूदगी में पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक की है, जो सीधे तौर पर पंजाब के प्रशासनिक कामों में दखल है।


वहीं सीनियर अकाली नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने भी इस पर निशाना साधते हुए कहा है कि हमने दिल्ली के बारे में बहुत कुछ सुना है, क्योंकि केंद्र सरकार राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करती है। हालाँकि, यह पहली बार है जब हम दिल्ली को देख रहे हैं, राज्य सरकार सीधे पंजाब सरकार के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है। “क्या हम इसी का इंतज़ार कर रहे थे?” वहीं बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल ने पंजाब का अपमान किया है।
इस पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू ने भी ट्वीट कर कहा है कि पंजाब के अधिकारियों को दिल्ली तलब करने से खुलासा हो गया है कि रिमोट कंट्रोल के जरिए दिल्ली से सरकार चलाई जा रही है, यह पंजाब की प्रतिष्ठा और संघीय ढांचे को आहत करने वाला है। इस पर सफाई दी जानी चाहिए।
वहीं पंजाब कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि केजरीवाल ने किस हैसियत से यह बैठक बुलाई है। इस पर आप के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने अपनी पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि आप ने 300 यूनिट ने मुफ्त बिजली देने का वादा किया था और मान सरकार बहुत जल्द ऐतिहासिक फैसला लेने जा रही है। उन्होंने कहा कि मान सरकार लोगों के लिए अच्छा फैसला लेने जा रही है और विपक्ष को इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए।

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