पंजाब

पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव सरवेश कौशल अमरीका से वापस परते , जाँच में होंगे शामिल

डीजीपी विजीलैंस को लिखा पत्र, मुझे बताया जाए कब होना है जांच में पेश

चंडीगढ़, 28 दिसंबर : अमरीका से वापस लौटते ही पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव सरवेश कौशल ने सिंचाई घोटाले की जांच कर रहे विजीलैंस के प्रमुख वरिंदर कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि उनको बताया जाए कि उन्होंने जांच में किस तारीख को पेश होना है। सरवेश कौशल ने डी.जी.पी. विजीलैंस को भेजी मेल में कहा है कि जनवरी 2023 में उनका चंडीगढ़ से बाहर उनके व्यक्तिगत करीबियों, प्रोफैशनल व अन्य लोगों से मिलने का प्रोग्राम है। इसलिए उनको पहले ही बता दिया जाए कि उन्होंने विजीलैंस के समक्ष किस तारीख को पेश होना है। ताकि उस हिसाब से वह अन्य लोगों से मिलने का प्रोग्राम बना सकें। बता दे के पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव सरवेश कौशल विदेश से वापस चंडीगढ़ लोट आये है ।
पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव सरवेश कौशल ने डी.जी.पी. विजीलैंस वरिंदर कुमार को पत्र लिखकर कहा है मैं आपका शुक्रगुजार हूंगा, अगर मुझे पहले ही सूचित कर दिया जाए कि किस तारीख को जांच में हिस्सा लेने के लिए मेरा हाजिर होना जरूरी है, ताकि चंडीगढ़ में मेरी गैर-हाजिरी मेरे स्तर पर देरी का कारण न बन जाए। इसलिए मुङो कॉल करके जितनी जल्दी हो सके, जांच प्रक्रिया में हाजिर होने के बारे में बताया जाए। ताकि मैं जांच की जिम्मेदारी से फारिग हो सकूं और मैं अपना उस हिसाब से व्यक्तिगत प्रोग्राम बना सकूं।
सरवेश कौशल ने कहा है कि आपको पता है कि मैं जून 2022 में अपने परिवार व रिश्तेदारों को मिलने के लिए भारत से आया था और मैं जांच में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ में मौजूद था और इंतजार कर रहा था। इस दौरान विजीलैंस ने मेरे साथ कोई संचार नहीं किया। मुझे इस बात का काफी सदमा लगा कि सितंबर 2022 में मुझे भारत को छोड़ने के लिए रोकने के लिए लुकआउट सकरुलर बिना किसी तथ्यों को
देखते हुए जारी किया गया। जबकि मैं जून 2022 से यूएसए में रह रहा था, जोकि मेरे वापस आने में देरी का कारण बना और हाईकोर्ट ने भी 1 दिसंबर को लुकआउट सकरुलर को सटे कर दिया।
उन्होंने कहा कि मैं जून 2022 से यूएसए में रह रहा था, जबकि एलओसी सितंबर 2022 के अंत में जारी किया गया। उन्होंने कहा कि न कोई खिलाफ एफआईआर, न कोई जांच, न कोई सम्मन, न कोई नोटिस भेजा गया था, इसके बावजूद एलओसी जारी कर गुमराह किया गया। जहां तक कि सरकार के 16.9.22 के जांच के आदेश गैर-कानूनी थे। जोकि सरकार ने खुद ही नवंबर 2022 में वापस ले लिए। उन्होंने कहा कि एक सेवानिवृत्त सीनियर सिटीजन होने के चलते मेरी परेशानी का कारण बना है। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और हाईकोट में 8 फरवरी 2023 को फिर सुनवाई होनी है।

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