हिमाचल प्रदेश

हिमाचल के DGP संजय कुंडू और ऊना के DC राघव शर्मा वर्ष 2022 के लिए देश के टॉप-22 ब्यूरोक्रेट में शामिल

हिमाचल प्रदेश के दो अफसरों ने अपनी काबिलियत के दम पर  देश के बेहतरीन अफसरों में अपनी जगह बनाई है। इनमे से एक  हिमाचल के डीजीपी आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू हैं और दूसरे ऊना के डीसी आईएएस अधिकारी राघव शर्मा हैं । इन दोनों को वर्ष 2022 में नौकरशाही में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 22 चेंज एजेंटों में शामिल किया गया है। ब्यूरोक्रेट्स इंडिया संस्था समाज में बदलाव लाने वाले 22 आईएएस व आईपीएस अफसरों को 22 चेंज एजेंट ऑफ-2022 नामक पुरस्कार से नवाजेगी। इन अधिकारियों की वर्ष 2022 में शानदार कार्यशैली देखने को मिली है।

डीजीपी संजय कुंडू के नाम लिखे नोट में कहा गया है कि वह 1989 के एक शानदार आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें पुलिसिंग और प्रशासनिक अनुभवों का मिश्रण होने का अनूठा गौरव प्राप्त है।

मई 2020 में हिमाचल के पुलिस महानिदेशक बने संजय कुंडू ने न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के प्रसिद्ध ब्रोकन विंडो थ्योरी मॉडल का अनुसरण करते हुए पुलिसिंग में व्यापक सुधार पेश किए हैं। न्यूयॉर्क पुलिस की कार्यशैली व तकनीक पर काम करते हुए हिमाचल में आपराधिक मामले सुलझाने की दिशा में काम किया गया। बाहरी राज्यों से नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में भी उन्होंने सराहनीय कार्य किया।

आईएएस राघव शर्मा ने ऊना जिला में दिखाई अपनी जबरदस्त प्रशासनिक क्षमता

2013 बैच के आईएएस राघव शर्मा ने अक्टूबर 2020 में ऊना के डीसी की कमान संभाली। स्वभाव से बहुत ही सरल व शांत अफसर राघव शर्मा  ने अपनी प्रशासनिक क्षमता से सामाजिक ढांचे में जबरस्त सुधार लाने की दिशा में काम किया।

 

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर से कानून में स्नातक, राघव शर्मा महिलाओं और बच्चों के लिए अपनी अनूठी पहल के लिए जाना जाता है। ऊना के डीसी के तौर पर जनहित में उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं। उन्होंने हर उप-मंडल में पुस्तकालयों का निर्माण शुरू किया जहां छात्र पढ़ सकते हैं और यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं।

 

वर्ष 2022 में 30 छात्रों की क्षमता वाले कुल छह पुस्तकालय बनाए गए। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए बने गैर-आवासीय प्रशिक्षण स्कूलों को भी बदल दिया। पिछले साल कुल 3 प्रशिक्षण स्कूल बनाए गए हैं। इन केंद्रों से पहले छात्र खुले में पढ़ाई करते थे। हालांकि अब वे खूबसूरती से डिजाइन किए गए हैं और उनमें शौचालय, बिजली और पानी के कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं। ये केंद्र स्लम क्षेत्रों के बच्चों को आसपास के स्कूलों में मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल होने में मदद करते हैं। उनका लक्ष्य 10 और केंद्र बनाने का है। उनकी एक अन्य पहल फसल विविधीकरण सुनिश्चित करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती और इसके लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए 2021 में प्रगतिशील किसानों के लिए एक कार्यशाला शुरू की।

 

राघव शर्मा की अगुवाई में जिला प्रशासन ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को मनरेगा के तहत एक गतिविधि के रूप में जोड़ा। उन्होंने किसानों के लिए वृक्षारोपण और ट्रेलिस प्रणाली की लागत को वित्त पोषित किया। मनरेगा के तहत 2022 में 5000 से अधिक ड्रैगन फ्रूट सैंपलिंग लगाए गए थे और कई किसानों ने अपनी लागत पर भी उत्पादन किया है। 2023 में, ऊना विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बागवानी विकास कार्यक्रम के तहत ड्रैगन फ्रूट प्रोसेसिंग फैक्ट्री के लिए चुना जाने वाला पहला जिला बन गया।

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