हिमाचल प्रदेश

अब गूगल भी समझेगा कांगड़ी ,गूगल की-बोर्ड में शामिल हुईं हिमाचल की तीन बोलियां  

 

गूगल सर्च इंजन में हिमाचल के लोगों को अब तक अपनी बात लिखने के लिए अंग्रेजी या हिंदी भाषा का ही सहारा लेना पड़ता था। गूगल में सिर्फ यही दो भाषाएं हिमाचल के लोगों के लिए उपयोग करने का विकल्प होती थीं। हालांकि गूगल सर्च इंजन में देश के अन्य क्षेत्रीय भाषा जिसमें पंजाबी, कन्‍नड़, तेलगू जैसी करीब 15 भाषाओं को प्रयोग करने को विकल्प था, लेकिन अधिकतर लोग हिंदी व अंग्रेजी का ही प्रयोग करते थे। अब हिमाचल के लोग कांगड़ी, मंडयाली और महासु बोलियों में भी अपनी बात लिखकर भेज सकेंगे।

 

बहुभाषी भारत देश के छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए खुशी की खबर है। हिमाचल की जनता के लिए वर्ग की बात है कि अंतरराष्ट्रीय मंच गूगल की-बोर्ड में हिमाचल की तीन बोलियां शामिल की गई हैं। गूगल की-बोर्ड एवं गूगल इंडीक में हिमाचल की तीन बोलियां कांगड़ी, मंडयाली और महासु बोली शामिल की गई हैं।

 

कैसे कर सकते हैं अपनी बोली का प्रयोग

एंड्रायड मोबाइल फोन यूजर को प्ले स्टोर में गूगल इंडीक एप इंस्टॉल करना होगा। इंस्टाल करने के बाद एप को ओपन करके अपनी टाइपिंग की-बोर्ड की सेटिंग करनी होगी। सेटिंग में भाषा का चयन करते वक्त कांगड़ी, मंडयाली या महासु भाषा का चयन करने के बाद इन बोलियां में अपनी बात टाइप कर सकेंगे।

 

कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने कहा गूगल जैसे प्रतिष्ठित सर्च इंजन द्वारा हिमाचल की बोलियों को अपनी सूची में शामिल करना महत्वपूर्ण कदम है। इससे संवाद के स्तर पर अवश्य प्रदेश को अतिरिक्त संबल प्रदान होगा। आज नेट यूजर्स की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की स्थिति में प्रदेशवासी इस निर्णय का सार्थक लाभ उठा पाएंगे।

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