पंजाब

पंजाब सरकार ने पंचायतें भंग करने सम्बन्धी तकनीकी ख़ामियों वाला फ़ैसला लेने वाले ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव और डायरैक्टर को तुरंत प्रभाव के साथ निलंबित किया

पंचायतें भंग करने का फ़ैसला तकनीकी ख़ामियों के कारण वापस लिया: लालजीत सिंह भुल्लर चंडीगढ़, 31 अगस्त: पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने आज कहा कि लोकतंत्र की नींव कही जाती पंचायतों को भंग करने सम्बन्धी फ़ैसला तकनीकी ख़ामियों के कारण वापस लिया गया है। यहाँ जारी बयान में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा पंचायतों को भंग करने का मामला जब मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के संज्ञान में आया तो उन्होंने तकनीकी ख़ामियों के कारण तुरंत पंचायतों को भंग करने के आदेशों के लिए पंचायती विभाग के अफ़सरों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने के आदेश दिए एवं पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पंचायतों को भंग करने वाला फ़ैसला वापस ले लिया गया ताकि तकनीकी खामियों को पूरा करके मतदान बिना किसी पक्षपात से हो सके।    उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में गाँवों की पंचायतों के चुनाव समय पर करवाने के लिए प्रयास शुरू किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मतदान के लिए वोटर सूचियों में संशोधन, वार्डबन्दी और महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण आदि की प्रक्रिया काफ़ी लम्बी थी। उन्होंने कहा कि राज्य में आई बाढ़ के कारण अफ़सरों और कर्मचारियों के लोगों की सहायता के लिए व्यस्त होने के कारण यह कार्य अपूर्ण ही रह गया था।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार पंचायती चुनाव को समय पर करवाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान ने पंचायती चुनावों सम्बन्धी और लोकतंत्र को मज़बूत करने सम्बन्धी यह भी ऐलान किया है कि जो गाँव सर्व-सहमति से पंचायतों की चयन करेंगे, उनको 5 लाख रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी।
पंजाब सरकार ने पंचायतें भंग करने सम्बन्धी तकनीकी ख़ामियों वाला फ़ैसला लेने वाले ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव और डायरैक्टर को तुरंत प्रभाव के साथ निलंबित कर दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!